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11 Powerful Mantras Every Parent Should Teach Their Kids | हर माता-पिता को अपने बच्चों को सिखाने चाहिए ये 11 शक्तिशाली मंत्र!

हिंदू धर्म में मंत्रों का विशेष महत्व है। मंत्रों को आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। प्राचीन ऋषि-मुनियों ने मंत्रों को एक विशिष्ट ध्वनि ऊर्जा के रूप में विकसित किया, जो हमारे चित्त और आत्मा को प्रभावित करने की क्षमता रखती है। जब मंत्रों का सही उच्चारण और जप किया जाता है, तो यह मानसिक शांति, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है। ये न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होते हैं, बल्कि हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। मंत्रों का नियमित जाप जीवन में सुख-शांति, सफलता और समृद्धि को आकर्षित करता है।

इस लेख में हम 11 प्रमुख मंत्रों के महत्व, लाभ, जप विधि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, और उनसे जुड़े पौराणिक संदर्भों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।


1) मंत्र: नमः शिवाय

महत्व और लाभ: यह पंचाक्षरी मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसे जपने से मानसिक शांति, आत्मबल और आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
सही समय और विधि: इसे प्रातःकाल और रात्रि में जपना शुभ माना जाता है।
माला: रुद्राक्ष माला
वैज्ञानिक महत्व: यह मंत्र उच्चारण से कंपन उत्पन्न करता है, जिससे मस्तिष्क को शांति मिलती है।

पौराणिक संदर्भ:

  • यह मंत्र शिव पुराण में वर्णित है।
  • कहा जाता है कि जब आदियोगी शिव ने योग और ध्यान की गूढ़ विधाओं को प्रकट किया, तब यह मंत्र उनकी आराधना का मूल बना।

वैज्ञानिक महत्व:

  • इस मंत्र का उच्चारण मस्तिष्क की तरंगों को शांत करता है और तनाव कम करता है।
  • ध्वनि तरंगों के कारण शरीर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।

 2) मंत्र: ॐ गं गणपतये नमः

महत्व और लाभ: भगवान गणेश का यह मंत्र सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करता है और सफलता प्राप्त करने में सहायता करता है।
सही समय और विधि: इसे किसी भी शुभ कार्य से पहले जपना चाहिए।
माला: स्फटिक माला
वैज्ञानिक महत्व: यह मंत्र उच्चारण से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है।

पौराणिक संदर्भ:

  • गणेश उपनिषद में इस मंत्र का विशेष उल्लेख है।
  • यह मंत्र गणेश जी की कृपा प्राप्त करने और बुद्धि को तेज करने में सहायक माना जाता है।

वैज्ञानिक महत्व:

  • यह मंत्र दिमागी स्पष्टता और एकाग्रता को बढ़ाने में सहायक होता है।
  • मानसिक तनाव को दूर करता है और नई ऊर्जा उत्पन्न करता है।

3) मंत्र: घ्राणि सूर्याय नमः

महत्व और लाभ: यह मंत्र भगवान सूर्य को समर्पित है और इसे जपने से जीवन में समृद्धि, धन और शांति प्राप्त होती है।
सही समय और विधि: इसे ब्रह्ममुहूर्त में जपना सबसे उत्तम होता है।
माला: तुलसी माला
वैज्ञानिक महत्व: यह मंत्र सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है और मन को स्थिर करता है।

पौराणिक संदर्भ:

  • ऋग्वेद और आदित्य हृदय स्तोत्र में इस मंत्र का उल्लेख है।
  • रामायण में भगवान राम ने इस मंत्र का जप कर शक्ति अर्जित की थी।

वैज्ञानिक महत्व:

  • यह मंत्र शरीर में विटामिन डी के स्तर को संतुलित करता है।
  • इससे मस्तिष्क में ऊर्जा का संचार होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।

4) मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्..!!

महत्व और लाभ: यह महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसे जपने से जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं, रोगों से मुक्ति मिलती है और आरोग्य प्राप्त होता है।
सही समय और विधि: इसे सूर्योदय के समय जपना उत्तम माना जाता है।
माला: रुद्राक्ष माला
वैज्ञानिक महत्व: यह मंत्र तनाव कम करता है, मानसिक संतुलन बनाए रखता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।

पौराणिक संदर्भ:

  • ऋग्वेद में इस मंत्र का उल्लेख है।
  • महर्षि वशिष्ठ ने इस मंत्र के माध्यम से राजा दशरथ को दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया था।

वैज्ञानिक महत्व:

  • इस मंत्र का जप ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।
  • यह तनाव कम कर मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखता है।

5) मंत्र: भूर्भुवः स्वः (गायत्री मंत्र)

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्..!!

महत्व और लाभ: यह मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक है और इसे जपने से आत्मज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
सही समय और विधि: इसे सूर्योदय के समय जपना सबसे लाभकारी होता है।
माला: कमल गट्टा माला
वैज्ञानिक महत्व: यह मंत्र ध्यान केंद्रित करने में सहायक होता है और मानसिक शांति देता है।

पौराणिक संदर्भ:

  • यह मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है।
  • महर्षि विश्वामित्र ने इस मंत्र की रचना की थी और इसे सर्वश्रेष्ठ मंत्र माना जाता है।

वैज्ञानिक महत्व:

  • इस मंत्र के जप से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
  • यह तनाव कम कर मानसिक शक्ति को बढ़ाता है।

माला जपने का सही तरीका

माला जपने का सही तरीका - How to Use a Mala for Mantra Chanting

माला को दाहिने हाथ में पकड़ें और अनामिका उंगली और अंगूठे का उपयोग करके जप करें।

माला को कभी भी तर्जनी उंगली से न छुएं।

माला के 108 मनकों को पूरा करने के बाद ‘सुमेरु’ मनके को पार न करें, बल्कि उल्टा जप करें।

जप करते समय शांत वातावरण का चयन करें और ध्यान केंद्रित करें।

मंत्रों की सारणी


मंत्र का नाममाला का नामदेवता का नामजप का सही समय
नमः शिवायरुद्राक्ष मालाभगवान शिवप्रातः एवं रात्रि
गं गणपतये नमःस्फटिक मालाभगवान गणेशशुभ कार्य से पहले
घ्राणि सूर्याय नमःतुलसी मालाभगवान सूर्यब्रह्ममुहूर्त
त्रयंबकं यजामहेरुद्राक्ष मालाभगवान शिवसूर्योदय
भूर्भुवः स्वःकमल गट्टा मालासूर्य देवसूर्योदय

निष्कर्ष

यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनके पीछे छिपे वैज्ञानिक सिद्धांत भी हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

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