"महाकुंभ, अर्धकुंभ और पूर्णकुंभ"
"महाकुंभ, अर्धकुंभ और पूर्णकुंभ"
क्या है कुंभ मेले के विभिन्न प्रकारों का अंतर?
क्या है कुंभ मेले के विभिन्न प्रकारों का अंतर?
"कुंभ मेला: भारतीय संस्कृति और आध्यात्म का सबसे बड़ा उत्सव।"
"कुंभ मेला: भारतीय संस्कृति और आध्यात्म का सबसे बड़ा उत्सव।"
"महाकुंभ
"महाकुंभ
– हर 144 साल में एक बार। – चार स्थान: हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन, नासिक। – सबसे बड़ा आयोजन।
– हर 144 साल में एक बार।
– चार स्थान: हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन, नासिक।
– सबसे बड़ा आयोजन।
अर्धकुंभ
अर्धकुंभ
– हर 6 साल में एक बार। – केवल हरिद्वार और प्रयागराज में।
– हर 6 साल में एक बार।
– केवल हरिद्वार और प्रयागराज में।
पूर्णकुंभ
पूर्णकुंभ
– हर 12 साल में। – केवल हरिद्वार और प्रयागराज में।
– हर 12 साल में।
– केवल हरिद्वार और प्रयागराज में।
कुंभ का महत्व
कुंभ का महत्व
"धर्म, संस्कृति, और आध्यात्म का संगम।" "स्नान करने से मिलती है मोक्ष की प्राप्ति।"
"धर्म, संस्कृति, और आध्यात्म का संगम।"
"स्नान करने से मिलती है मोक्ष की प्राप्ति।"
पढ़ें पूरा लेख Kiya's Corner पर
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"और जानें कुंभ मेले के बारे में!"
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